वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:- इसके इलाज के लिए उसे 17.5 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगाया जाना है, लेकिन परिवार की हालत ऐसी नहीं है कि यह खर्च वहन कर सके।
महज सात महीने की मिशिका सक्सेना को स्पाइनल मस्कुलर अट्राॅफी (एसएमए-1) नाम की दुर्लभ बीमारी है। इसके इलाज के लिए उसे 17.5 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगाया जाना है, लेकिन परिवार की हालत ऐसी नहीं है कि यह खर्च वहन कर सके। आमजन से यह रकम जुटाने के लिए मिलाप फाउंडेशन, इंपैक्ट गुरु समेत कई वेबसाइट के जरिये आर्थिक मदद मांगी जा रही है। इनके जरिये उन्हें अब तक 60 लाख रुपये की रकम मिल चुकी है। अभी लंबा रास्ता तय करना है। इसको देखते हुए मिशिका का परिवार अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर सहायता की गुहार लगाना चाहता है।
मिशिका की मां नेहा ने बताया कि सात महीने की मिशिका एक दिन बैठे-बैठे गिरने लगी। खेलते समय वह अपना हाथ भी नहीं उठा पा रही थी। काम के सिलसिले में उनके पति मुदित और वह नोएडा में रहते हैं। बच्ची की हालत देखकर वे दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचे। यहां पर जांच में पता चला कि उसे स्पाइनल मस्कुलर अट्राॅफी (एसएमए-1) नाम की दुर्लभ बीमारी है।
डाॅक्टरों ने इलाज में जोलगेंस्मा नामक इंजेक्शन की आवश्यकता बताई, जिसकी कीमत 17.5 करोड़ रुपये है। सर गंगा राम अस्पताल की डाॅ. रत्ना दुआपुरी के अनुसार मिशिका को दो वर्ष की आयु से पहले यह इंजेक्शन लगना जरूरी है। इलाज न मिलने पर उसे सांस लेने और कुछ भी निगलने में समस्या हो सकती है। परिवार इतने रुपयों के इंतजाम के लिए वन पर्यावरण और जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग राज्य मंत्री डाॅ. अरुण कुमार, सांसद संतोष कुमार गंगवार व अब उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से मिलकर आर्थिक मदद की गुहार लगा चुका है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने उनको मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता दिलवाने के लिए मुख्यमंत्री से सिफारिश करने का आश्वासन दिया है। नेहा सक्सेना के अनुसार कोई भी व्यक्ति मिलाप पर सहायता देने के लिए लिंक https://milaap.org/fundraisers/support-mishika-saxena / पर जा सकता है। किसी प्रकार की जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 7358398234 पर संपर्क किया जा सकता है।